जयपुर / साल के अंत तक सरकार लाएगी नई उद्योग नीति और नई निवेश प्रोत्साहन योजना

जयपुर. इसी साल दिसंबर तक सरकार प्रदेश के उद्यमियों और कारोबारियों के लिए नई उद्योग नीति और नई निवेश प्रोत्साहन नीति लाएगी। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने मंगलवार को सचिवालय में औद्योगिक सलाहकार समिति की बैठक में यह जानकारी दी। बैठक में 24 औद्योगिक परिसंघों, चार विशेष आमंत्रित सदस्याें सहित औद्योगिक सलाहकार समिति के उद्योग, वित्त, राजस्व, रीको, श्रम सहित 14 विभागों के प्रतिनिधियों से नई औद्योगिक नीति के प्रारुप पर चर्चा की गई।


 
बैठक में उद्यमियों ने बिजली की बढ़ी हुई कीमतों का मुद्दा उठाया तो उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्योगों को सस्ती और अन्य प्रदेशों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर बिजली मिलनी चाहिए। इसके लिए ओपन एक्सेस व्यवस्था पर भी पुनर्विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी हिस्से में क्लस्टर आधारित या विशेष जोन आधारित उद्योग लगाने के प्रस्ताव आते हैं तो इनका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिना सरकार की एनओसी के उद्योग स्थापित करने की सुविधा के लिए कानून बनाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सहित करीब 14 प्रदेश इस कानून का अध्ययन कर रहे हैं।


उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा 3 साल तक स्वीकृतियों व निरीक्षण से मुक्ति का ही प्रभाव है कि बहुत कम समय में राजउद्योगमित्र पर दो हजार से अधिक निवेशकों ने आवेदन कर उद्योग लगाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में ही सरकार ने जिला व राज्य स्तर पर डिसप्यूट रिड्रेसल मैकेनिज्म विकसित करने के साथ ही एक की जगह चार एमएसएमई काउंसिल गठित कर बड़ी राहत दी है। 


डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के उद्योगों के हित में बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठकों में केन्द्र सरकार के स्तर पर प्रभावी तरीके से रखते हुए उनके निराकरण का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से संबंधित कोई बिन्दु हो तो उसे भी राज्य सरकार के ध्यान में लाया जा सकता है। राज्य सरकार जल्दी ही नई ऋण योजना लाने जा रही है जिससे प्रदेश में उद्योग लगाना और आसान हो जाएगा।


बैठक में एमएसएमई में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने, कृषि जिंसों के वेल्यू एडिशन, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नई नीति लाने, एमएसएमई उत्पादों की प्राथमिकता से खरीद और एमएसएमई के भुगतान विवादों के निस्तारण के लिए प्रभावी व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया।